दोस्तो, एक और नई कहानी लेकर आया
हूँ रानी 28 साल की एक शादी शुदा जवान महिला थी उसकी शादी रमेश के साथ 6 साल पहले
हुई थी लेकिन अभी तक उनके कोई बच्चा नही हुआ था तो मस्त माल है रानी की सास सरोज 50 साल की थी उनके पति 5 साल पहले कार दुर्घटना में चल बसे थे/ जब उनके बेटे की शादी हुई तो सरोज बहुत खुशथी लेकिन शादी के कुछ साल बाद भी जब उनकी बहू के कोई बच्चा पैदा नही हुआ तो उनको चिंता होने लगी/ सरोज की चिंता बढती जा रही थी नर्वस हो गई
कि उनका बेटा कभी बाप नही बन पाएगा/ सरोज को तो आपने पोता चाहिए था चाहे इसकी लिए कुछ भी करना पड़े/ रामू सरोज के घर के साथ ही में पुराणी किताबो की दुकान करता था रामू की उम्र 35 साल थी वह सरोज को बहन जी बोलता था और सरोज उसे रामू बोलती थी रामू देखने मे हॅटा केटा और सुंदर था
वो अपने काम के समय शर्ट और धोती पहनता था दोपहर को रामू सरोज के
बंगले के वरांडे मे सीडियो के पास बैठकर ही खाना खाता था सरोज उसे कभी कबार
उसे ठंडा पानी दे दिया करती थी/ सरोज ने रामू से बात
करने की सोची लेकिन सवाल ये भी था की अगर रामू मान भी जाता है तो क्या रानी एक किताब वाले के साथ सोने को तैयार हो पाएगी ? फिर सरोज ने
सोचा की पहले रामू से बात कर ले फिर वो रानी से बात करेंगी/कुछ दिनो बाद सरोज ने रानी को बताया की वो किसी काम से बाहर जा रही है
आधे घंटे मे वापस आ जाएँगी दोपहर का समय था काफ़ी लोग रोड पर आ जा रहे थे
सरोज ने सोचा इस समय वो रामू से फ्री होकर बात कर सकेंगी/ रानी
पेशाब के लिए ऊपर के बाथरूम में गई/ उसने देखा उसकी सास रामू
से बात कर रही है जब 15 मिनट बाद रानी वापस आई तो उसने देखा सरोज अभी तक रामू से बात कर रही थी/ ये ठीक नही था, वो जानती थी कि जब भी
सरोज किताब खरीदने रामू के पास आती तो अक्सर बात करती थी/ रानी बालकोनी मे आई और वहाँ से दोनो को देखने लगी रामू का मुँह उसकी तरफ
था और सरोज की पिछवाड़ा उसकी तरफ था/सरोज रामू की दुकान पर गई/ रामू ने उनको नमस्ते किया .
सरोज ने रोड के इधर उधर देखा और कहा , "रामू भाई मुझे तुमसे एक काम
है. काम बड़ा नाज़ुक है, किसी और को मालूम हुआ तो मेरी बड़ी बदनामी होगी.
क्या मैं तुमपे भरोसा कर सकती हूँ?"
रामू ने अपनी आँखो ही आँखो मे भरोसा दिलाया और कहा, "कैसी बात करती हो
बेहन? आप जो कुछ बोलेंगी वो जान जाने तक किसी को नही पता चलेगा"सरोज थोड़ी नर्वस हुई लेकिन फिर उन्होने मन ही मन कुछ सोचा , "रामू
देख काम कुछ ग़लत है, कोई भी सास या मा ये काम करने को किसी गैर मर्द को
नही बोलेगी/ रामू तू जानता है की रमेश की शादी को 6 साल हो गये और अभी
उससे औलाद नही हुई. इसमे रानी का कोई दोष नही, पूरा दोष रमेश मे है. रामू मुझे मालूम है तूने मेरी बचपन की दोस्त शांति बहन की बहू की मदद की
थी, मैं चाहती हूँ वैसे ही मदद तू मेरी बहू की कर और मुझे एक प्यारा सा
पोता दे दे उन्होने एक साँस मे ही सारी बात कह दी और रामू के चेहरे की तरफ
देखने लगी/रामू को अपने कानो पर विश्वास नही हुआ कि सरोज अपनी बहू रानी को
चोदने के लिए कह रही है, क्या ये एक सपना है या सच मे उन्होने ऐसा ही कहा
है/ हाँ ये सच था कि उसने शांति बहन की बहू को चोदा था/ आज उसके एक
बेटा था/ और वो अपने परिवार मे खुश थी/ रामू सरोज के मुँह से
दुबारा सुन कर कानो पर विश्वास करना चाहता था/ रामू ने सरोज को देखा
और कहा "बेहन आपको पोता चाहिए और इसलिए आप चाहती है मैं रानी के साथ
कुछ करू ? मैं गरीब हूँ और आप आप आमिर, फिर भी आप यह चाहती है? मा जी मुझे
उसमे कोई दिक्कत नही पर ग़लती से किसी को पता चला तो क्या होगा? आप सोच
लो/ रामू ने सरोज को जाबाब देने के बाद रामू ने देखा कि रानी बाल्कनी से
उन दोनो को ही देख रही थी/सरोज ने अपने मन मे काफ़ी सोचा फिर बोली , "देख रामू, मेरा ये काम
करने के तुम्हे मैं 25000 देने को तैयार हूँ/ पर किसी भी तरह बात बाहर
नही जानी चाहिए ये देखना तेरा काम है/ रही बात अमीरी गरीबी की तो तुम
तो हमारी मुश्किल जानते हो. मुझे अब तो बस पोते का मुँह देखना है, भले वो
पोता मेरे लड़के से हुआ हो या किसी और से. बिना पोते का मुँह देखके मर
गयी तो उपर जाके रमेश के पापा को कैसे मुँह दिखा पाउगी? ये लो 5000
अड्वान्स मे और अब आगे का काम कैसे करना है ये तुम जानो. तुम दोनो को
सहूलियत देने के लिए मैं तेरे बोलने पे 15-20 दिन के लिए बेटी के घर
चली जाउगी, जब तक मैं वापस आउ तुम काम कर देना मेरा."रामू ने सोचा आज का दिन कितना शुभ है उसे 5000 रुपये भी मिल रहे है और एक
सेक्सी औरत भी . वह कभी पैसो को देखता कभी सरोज को और कभी रानी को/ उसने रानी को छोटी सी स्माइल दी और सरोज से बोला , "वाह बहन,
पैसा भी और बहू भी, मॅज़ा आएगा/ ठीक है बहन मैं आपको पोता दूँगा पर आगे
कुछ गड़बड़ हुई तो मुझे मत फँसाना/ गड़बड़ मतलब आपका पोता मेरे जैसा दिखे
और रमेश ने शक किया और डर की वजह से रानी ने अगर आपके लड़के को सब
बताया तो वो मुझे मार डालेगा."सरोज ने अपने मन मे काफ़ी सोचा फिर बोली , "देख रामू, मेरा ये काम
करने के तुम्हे मैं 25000 देने को तैयार हूँ/ पर किसी भी तरह बात बाहर
नही जानी चाहिए ये देखना तेरा काम है/ रही बात अमीरी गरीबी की तो तुम
तो हमारी मुश्किल जानते हो. मुझे अब तो बस पोते का मुँह देखना है
हूँ रानी 28 साल की एक शादी शुदा जवान महिला थी उसकी शादी रमेश के साथ 6 साल पहले
हुई थी लेकिन अभी तक उनके कोई बच्चा नही हुआ था तो मस्त माल है रानी की सास सरोज 50 साल की थी उनके पति 5 साल पहले कार दुर्घटना में चल बसे थे/ जब उनके बेटे की शादी हुई तो सरोज बहुत खुशथी लेकिन शादी के कुछ साल बाद भी जब उनकी बहू के कोई बच्चा पैदा नही हुआ तो उनको चिंता होने लगी/ सरोज की चिंता बढती जा रही थी नर्वस हो गई
कि उनका बेटा कभी बाप नही बन पाएगा/ सरोज को तो आपने पोता चाहिए था चाहे इसकी लिए कुछ भी करना पड़े/ रामू सरोज के घर के साथ ही में पुराणी किताबो की दुकान करता था रामू की उम्र 35 साल थी वह सरोज को बहन जी बोलता था और सरोज उसे रामू बोलती थी रामू देखने मे हॅटा केटा और सुंदर था
वो अपने काम के समय शर्ट और धोती पहनता था दोपहर को रामू सरोज के
बंगले के वरांडे मे सीडियो के पास बैठकर ही खाना खाता था सरोज उसे कभी कबार
उसे ठंडा पानी दे दिया करती थी/ सरोज ने रामू से बात
करने की सोची लेकिन सवाल ये भी था की अगर रामू मान भी जाता है तो क्या रानी एक किताब वाले के साथ सोने को तैयार हो पाएगी ? फिर सरोज ने
सोचा की पहले रामू से बात कर ले फिर वो रानी से बात करेंगी/कुछ दिनो बाद सरोज ने रानी को बताया की वो किसी काम से बाहर जा रही है
आधे घंटे मे वापस आ जाएँगी दोपहर का समय था काफ़ी लोग रोड पर आ जा रहे थे
सरोज ने सोचा इस समय वो रामू से फ्री होकर बात कर सकेंगी/ रानी
पेशाब के लिए ऊपर के बाथरूम में गई/ उसने देखा उसकी सास रामू
से बात कर रही है जब 15 मिनट बाद रानी वापस आई तो उसने देखा सरोज अभी तक रामू से बात कर रही थी/ ये ठीक नही था, वो जानती थी कि जब भी
सरोज किताब खरीदने रामू के पास आती तो अक्सर बात करती थी/ रानी बालकोनी मे आई और वहाँ से दोनो को देखने लगी रामू का मुँह उसकी तरफ
था और सरोज की पिछवाड़ा उसकी तरफ था/सरोज रामू की दुकान पर गई/ रामू ने उनको नमस्ते किया .
सरोज ने रोड के इधर उधर देखा और कहा , "रामू भाई मुझे तुमसे एक काम
है. काम बड़ा नाज़ुक है, किसी और को मालूम हुआ तो मेरी बड़ी बदनामी होगी.
क्या मैं तुमपे भरोसा कर सकती हूँ?"
रामू ने अपनी आँखो ही आँखो मे भरोसा दिलाया और कहा, "कैसी बात करती हो
बेहन? आप जो कुछ बोलेंगी वो जान जाने तक किसी को नही पता चलेगा"सरोज थोड़ी नर्वस हुई लेकिन फिर उन्होने मन ही मन कुछ सोचा , "रामू
देख काम कुछ ग़लत है, कोई भी सास या मा ये काम करने को किसी गैर मर्द को
नही बोलेगी/ रामू तू जानता है की रमेश की शादी को 6 साल हो गये और अभी
उससे औलाद नही हुई. इसमे रानी का कोई दोष नही, पूरा दोष रमेश मे है. रामू मुझे मालूम है तूने मेरी बचपन की दोस्त शांति बहन की बहू की मदद की
थी, मैं चाहती हूँ वैसे ही मदद तू मेरी बहू की कर और मुझे एक प्यारा सा
पोता दे दे उन्होने एक साँस मे ही सारी बात कह दी और रामू के चेहरे की तरफ
देखने लगी/रामू को अपने कानो पर विश्वास नही हुआ कि सरोज अपनी बहू रानी को
चोदने के लिए कह रही है, क्या ये एक सपना है या सच मे उन्होने ऐसा ही कहा
है/ हाँ ये सच था कि उसने शांति बहन की बहू को चोदा था/ आज उसके एक
बेटा था/ और वो अपने परिवार मे खुश थी/ रामू सरोज के मुँह से
दुबारा सुन कर कानो पर विश्वास करना चाहता था/ रामू ने सरोज को देखा
और कहा "बेहन आपको पोता चाहिए और इसलिए आप चाहती है मैं रानी के साथ
कुछ करू ? मैं गरीब हूँ और आप आप आमिर, फिर भी आप यह चाहती है? मा जी मुझे
उसमे कोई दिक्कत नही पर ग़लती से किसी को पता चला तो क्या होगा? आप सोच
लो/ रामू ने सरोज को जाबाब देने के बाद रामू ने देखा कि रानी बाल्कनी से
उन दोनो को ही देख रही थी/सरोज ने अपने मन मे काफ़ी सोचा फिर बोली , "देख रामू, मेरा ये काम
करने के तुम्हे मैं 25000 देने को तैयार हूँ/ पर किसी भी तरह बात बाहर
नही जानी चाहिए ये देखना तेरा काम है/ रही बात अमीरी गरीबी की तो तुम
तो हमारी मुश्किल जानते हो. मुझे अब तो बस पोते का मुँह देखना है, भले वो
पोता मेरे लड़के से हुआ हो या किसी और से. बिना पोते का मुँह देखके मर
गयी तो उपर जाके रमेश के पापा को कैसे मुँह दिखा पाउगी? ये लो 5000
अड्वान्स मे और अब आगे का काम कैसे करना है ये तुम जानो. तुम दोनो को
सहूलियत देने के लिए मैं तेरे बोलने पे 15-20 दिन के लिए बेटी के घर
चली जाउगी, जब तक मैं वापस आउ तुम काम कर देना मेरा."रामू ने सोचा आज का दिन कितना शुभ है उसे 5000 रुपये भी मिल रहे है और एक
सेक्सी औरत भी . वह कभी पैसो को देखता कभी सरोज को और कभी रानी को/ उसने रानी को छोटी सी स्माइल दी और सरोज से बोला , "वाह बहन,
पैसा भी और बहू भी, मॅज़ा आएगा/ ठीक है बहन मैं आपको पोता दूँगा पर आगे
कुछ गड़बड़ हुई तो मुझे मत फँसाना/ गड़बड़ मतलब आपका पोता मेरे जैसा दिखे
और रमेश ने शक किया और डर की वजह से रानी ने अगर आपके लड़के को सब
बताया तो वो मुझे मार डालेगा."सरोज ने अपने मन मे काफ़ी सोचा फिर बोली , "देख रामू, मेरा ये काम
करने के तुम्हे मैं 25000 देने को तैयार हूँ/ पर किसी भी तरह बात बाहर
नही जानी चाहिए ये देखना तेरा काम है/ रही बात अमीरी गरीबी की तो तुम
तो हमारी मुश्किल जानते हो. मुझे अब तो बस पोते का मुँह देखना है
BHAI MERI BAAT KARA DO MAIN RAJI HUU
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Maia has a simple testing process for new slaves. Amuse her by suffering for her and there is a good chance she will accept you into her stable of toys. Whether or not this slave will amuse her remains to be seen and will largely be decided by how much of her whip he is willing to accept, and how well he grovels at her side.
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