बुधवार, 4 मई 2011

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मैं अपने आफ़िस से कुछ जल्दी ही घर चला गया, वहाँ भी बिजली गुल थी।
मेरी कालोनी गोमती नगर में तेज हवाओं के साथ बारिश होने के कारण बिजली
फेल हो गई थी। लगभग सभी लोग अपने-2 घरों से बाहर निकल कर एक दूसरे से
बातें कर रहे थे, उमस और गर्मी बहुत ज्यादा थी। सभी के बच्चे सड़क पर
धमाचौकड़ी मचा रहे थे। हमारे घर वाले भी बाहर खड़े हो कर पड़ोसियों से बातें
कर रहे थे। मैं भी अपनी बाइक घर के बाहर ही खड़ी करके ठीक बगल वाली मस्त
भाभी जी से बतियाने लगा जोकि हाल ही में दिल्ली से लखनऊ आई थीं और हमारे
परिवार से अच्छी जान पहचान हो गई थी।
मैंने ही सुरेश को अपने ठीक बगल वाले मकान किराये पर दिलवा दिया था। उनके
परिवार में सिर्फ तीन सदस्य थे, सुरेश माथुर उम्र लगभग 40-45 साल, 5'8"कद, सांवला रंग और साधारण बदन, उनकी पत्नी राधा और सुरेश की बहन किरण।
इस वक्त राधा भाभी साड़ी ब्लाउज में गजब की सुन्दर लग रही थी, वो लगभग
28-30
वर्ष की थी उनका गोरा रंग, लम्बा कद लगभग 5'5", तीखे नयन-नक्श,उनकी बड़ी-2 चूचियाँ जो कि गहरे गले के ब्लाउज से बाहर आने के लिए बेकरार
थी। अधिक गर्मी की वजह से शायद उन्होंने ब्रा नहीं पहन रखी थी। उनकी
तनाकृति तकरीबन 36-30-36 होगी, कुल मिला कर मॉडल लगती थी।
और 20-22 वर्ष की सुरेश की बहन किरण जोकि एम बी ए में एड्मीशन लेने के
लिये तैयारी कर रही थी। इन तीन लोगों का सुरेश का परिवार था। सुरेश और
राधा दोनों एक प्रतिष्ठित सॉफ्टवेयर कंपनी में सॉफ्टवेयर इन्जीनियर के पद
पर दिल्ली में काम करते थे। मई 2010 में सुरेश और राधा का ट्रान्सफर लखनऊ
हो गया और ये सभी लोग मेरे अच्छे पड़ोसी बन गए।
मैं, राधा भाभी से आम बातचीत कर ही रहा था कि इतने में किरण भी वहाँ आ
गई। किरण भी अपनी भाभी की तरह बला की खूबसूरत लग रही थी। उसको देखते ही
किसी का भी मन डोल जाए।
उसका कद थोड़ा कम जरूर था 5'2", लेकिन जबरदस्त माल थी, चम्पई गोरा रंग,उसकी बड़ी बड़ी चूचियों की घुन्डी बगैर ब्रा के टीशर्ट से साफ दिख रही थी।
उसकी झील सी आँखों का तो जवाब ही नहीं था, तीखे नयन-नक्श, कुल मिला कर
उसके बदन में कहीं से भी कोई भी कमी नजर नहीं आती थी। मैंने किरण से ऐसे
ही पूछा- तुम्हारी एम बी ए की तैयारी कैसी चल रही है?तो उसने कहा- कोई खास नहीं ! जो मुझे समझ में आता है, उसे ही पढ़ लेती हूँ।
मैं अपनी सलाह देने और मदद करने की आदत से मजबूर, उसको सलाह देने लगा,मैंने कहा- तुम टाइम्स कोचिंग ज्वाइन कर लो, यहीं पत्रकार पुरम के पास
में ही है, आने जाने में दिक्कत भी नहीं होगी, वहाँ पर मेरे ही बैच का
लड़का फैकल्टी है, उसको मैं बोल दूंगा तो वो तुम्हारी मदद कर देगा।
इस पर राधा भाभी बोली- आप कल ही इसका एड्मीशन करा दीजिए, दिन भर नेट पर
सर्फिंग किया करती है, मुझे इसको गाइड करने का समय नहीं मिलता है। समय
खराब करने से कोई फायदा नहीं, मैं सुरेश से बात कर लूंगी।
मैंने राधा भाभी से कहा- कल मैं किरण को सुबह आफिस जाते समय ले लूंगा और
इसका एड्मीशन करा दूंगा।
किरण बोली- हाँ ! यही ठीक है !
मैंने कहा- गर्मी बहुत है !
इतने में बहुत तेज बारिश होने लगी, बाहर खड़े सब लोग अपने अपने घर भाग गए।
एक घंटे की बारिश के बाद मौसम बड़ा सुहाना हो गया। करीब 11 बजे खाना खाकर
मैं अपने बेडरूम में गया, कमरे की लाइट ऑन की, फिर बरामदे में पहुँच कर
मैंने वहाँ की बत्ती जैसे ही जलाई कि बल्ब फ्यूज़ हो गया, लिहाजा बरामदा
और पूरी छत अंधेरे की आगोश में ही रहा।
मेरा बेडरूम दूसरी मंजिल पर है, उसके सामने बरामदा फिर खुली छत और बरामदे
में सुरेश के बेडरूम की शीशेदार खिड़की खुलती है। सुरेश के बेडरूम की
खिड़की बन्द थी लेकिन पर्दा हटा था मैंने ऐसे ही कौतूहल-वश उसके कमरे में
नज़र दौड़ाई। वहाँ कोई नहीं था, सिर्फ ए सी चल रहा था और नाइट बल्ब जल रहा
था। कमरे की हर चीज मुझे साफ साफ नज़र आ रही थी।
इतने में दरवाजे का पर्दा हटा और राधा भाभी ने कमरे में प्रवेश किया और
फिर ट्यूब लाइट जलाई।
मैं थोड़ा पीछे अंधेरे में आ गया ताकि वो देख न सकें। उसके बाद वो सीधे
कपड़ों की अलमारी के पास गई और उसका दरवाज़ा खोल कर गुलाबी रंग की नाइटी
निकाली और उसको बिस्तर पर रख दिया। फिर उन्होंने अपनी साड़ी उतार दी, अब
वो सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी। फिर मुड़ कर बगल में लगे शीशे में
अपने आप को कई कोणों से निहारने लगी और धीरे से मुस्कराई और फिर अपना
ब्लाउज़ भी उतार दिया। ब्रा उन्होंने शाम से ही नहीं पहन रखी थी इसलिये
चूचियाँ एकदम आजाद हो कर सामने आ गई।
अब मैं उनकी झकास चूचियों के दर्शन कर रहा था।
उसके बाद उन्होंने अपने पेटीकोट का नाड़ा खोला और पेटीकोट नीचे अपने पैरों
पर गिरा दिया।
नीचे काले रंग की पैन्टी नज़र आई, उसको भी उन्होंने नीचे झुक कर सरका
दिया। जब वो सीधे खड़ी हुईं तो मुझे दिखा कि उनकी चूत पर हल्की हल्की
झांटों की लाइन सी बनी थी। कुल मिला कर वो बड़ी सेक्सी दिख रही थी।
एक बार फिर उन्होंने अपने आप को शीशे में देखा और फिर बेडरूम से जुड़े
बाथरूम में चली गईं। वापस आकर उन्होंने नाइटी उठाई और गाउन की तरह पहन
ली। नाइटी सामने से खुली थी और पारभासक थी, जिससे उनकी चूचियाँ और चूत के
बालों से लिखा इंग्लिश का लेटर 'एस' अब साफ दिख रहा था।
यह सब देख कर तो मेरे लण्ड का बुरा हाल हो गया, उसने मेरे पजामे को तो
तम्बू बना दिया था। अब मेरा दिल तेजी से धड़कने लगा।
फिर मैंने देखा कि उन्होंने अपने उतारे हुए सारे कपड़े बटोरे और अलमारी
में रख दिये। फिर उन्होंने टी वी के ऊपर से रिमोट उठाया और बिस्तर पर
पैताने की तरफ सिर करके पेट के बल लेट गई और पैर घुटनों से मोड़ कर अपने
कूल्हों के ऊपर ले गई। इससे उनकी नाइटी सरक कर घुटने तक आ गई, सुडौल उभरे
हुए कूल्हे और उनके बीच की दरार नाइटी के अन्दर से साफ दिख रही थी।
उन्होंने फिर टी वी चलाया और कई चैनल बदलने के बाद स्टार मूवीस पर "समर
ऑफ 42" फिल्म आ रही थी, वही देखने लगीं।
कोई 5 मिनट के बाद सुरेश ने कमरे में प्रवेश किया, पलट कर कमरे का दरवाजा
बंद किया और फिर राधा की तरफ देख कर बोला- वाह…!!! क्या मस्त लग रही हो
इस नाइटी में !
राधा मुस्कराई।
फिर सुरेश ने टीवी की तरफ देखते हुए पूछा- कौन सी फिल्म आ रही है?राधा ने सुरेश की तरफ मुखातिब हो कर जवाब दिया- "समर ऑफ 42"
गुड फिल्म ! सुरेश बोला, फिर अलमारी खोल कर अपना स्लीपिंग सूट निकाल कर
बिस्तर पर रखा, अपनी शर्ट उतारी, फिर बनियाइन उतार कर स्लीपिंग सूट की
शर्ट पहन ली फिर जीन्स और चड्डी उतारी, अब उसका झाटों के बीच लटका हुआ
लण्ड साफ दिख रहा था। फिर वो बाथरूम में गया। वहाँ शायद उसने अपने लण्ड
को पानी से धोया होगा, इसके बाद वापस आ कर उसने पजामा पहना। उसके बाद
अलमारी से हैन्डीकैम निकाला और कमरे की सारी लाइट ऑन करके टीवी के ऊपर
कैमरे को फिक्स किया और फिर कैमरा ऑन कर दिया।
राधा भाभी ने पूछा- यह क्या कर रहे हैं आप?अरे डार्लिंग ! एक अच्छी फिल्म बनाने जा रहा हूँ ! तुम हीरोइन और मैं
हीरो। फिल्म का नाम है "सेलिब्रेशन ऑफ सी थ्रू नाइटी"। इस नई नाइटी को
सेलिब्रेट नहीं किया जायेगा क्या…?राधा हंसते हुए बोली- आप को तो एक बहाना मिलना चाहिए बस ! अगर किसी ने यह
फिल्म देख ली तो क्या सोचेगा?सुरेश बोला- यार कौन देखेगा, कैमरा तो हम लोगों के पास ही रहता है ! तुम
परेशान मत हो ! बस मजे लो।
राधा भाभी बोली- ओ के बाबा ! तुमको तो कोई समझा ही नहीं सकता।
फिर सुरेश राधा के बगल में आ कर लेट गया और अपना एक हाथ पेट के बल लेटी
राधा के चूतड़ों पर रख कर धीरे धीरे सहलाने लगा और साथ ही टीवी पर फिल्म
देखने लगा।
राधा ने अपने पैर को सीधा किया और फैला दिया जैसे चुदने के लिए व्याकुल
हो, लेकिन अभी भी वो फिल्म देखे जा रही थी।
धीरे-धीरे सुरेश का हाथ राधा की पीठ पर आया और अब वो राधा के बालों के
साथ खेल रहा था कि तभी राधा ने टीवी को रिमोट से ऑफ कर दिया और करवट ले
कर सुरेश की तरफ अपना मुँह कर लिया, अब उसकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ और चूत के
ऊपर झाटों से लिखा 'एस' नाइटी से साफ दिखने लगा। फिर सेक्सी निगाहों से
देखते हुए बोली- इतनी अच्छी फिल्म आ रही थी ! आपने देखने नहीं दी।
सुरेश ने अपना एक हाथ बढ़ाया और नाइटी के ऊपर से ही उसकी चूची की घुन्डी
मसलने लगा और फिर चूत की तरफ देख कर बोला- यह 'एस' तुमने कब लिखा?तुम्हारी चूत बहुत सेक्सी लग रही है।
फिर राधा भाभी अपने दोनों हाथ बढ़ा कर सुरेश का सिर अपनी तरफ खींचते हुए
बोली- मुझे पहले ही पता था कि तुम नई नाइटी जरूर सेलिब्रेट करोगे, इसलिए
मैंने अपनी चूत को और सेक्सी बनाने के लिए तुम्हारे नाम का पहला अक्षर
लिख दिया, आखिरकार यह चूत तुम्हारे लिए ही है ना।
सुरेश मुस्कराते हुए बोला- वाहऔर फिर राधा भाभी सुरेश के होठों को
चूमने लगीं और फिर अपने पीठ के बल चित्त लेट गई।
इसके बाद सुरेश ने सामने से नाइटी खोल दी और एक चूची को चूसने लगा और
अपने एक हाथ से उसकी चूत की खुजली मिटाने लगा। राधा भाभी की आँखें
धीरे-धीरे बन्द होने लगी और अपनी टांगें और फैला दी।
इसके बाद सुरेश राधा के ऊपर लेट गया और होंठों से होंठ मिला कर चूमने
लगा। राधा की चूचियाँ सुरेश के सीने के नीचे ऐसे दबी थी जैसे किसी हवा
भरे गुब्बारे को दबा दिया गया हो और सुरेश की दोनों टांगें राधा की फैली
टागों के बीच में थीं।
करीब 5 मिनट तक चुम्बन-दृश्य चलता रहा। फिर वो दोनों एक साथ ऊपर-नीचे
होकर पल्टियाँ खाने लगे, सुरेश नीचे हुआ और राधा भाभी उसके ऊपर आ गई।
अब राधा भाभी उठीं, लेकिन सुरेश के लण्ड के ऊपर ही बैठी रहीं और फिर
सुरेश की शर्ट उतारने लगीं। उसके बाद अपनी पूरी नाइटी भी उतार दिया, फिर
नीचे लेटे सुरेश को चूने लगी। सुरेश ने अपने दोनों हाथों और पैरों से
राधा को जकड़ लिया। थोड़ी देर बाद राधा भाभी अपने आप को सुरेश की पकड़ से
अजाद कर लिया फिर उठी और सुरेश के बगल में बैठ कर उसका पजामा उतारने लगी।
अब सुरेश और राधा दोनों ही बिलकुल नंगे थे। सुरेश का लण्ड अभी पूरी तरह
से खड़ा नहीं था इसलिए राधा भाभी ने लण्ड को पकड़ कर ऊपर-नीचे करने लगीं,फिर लण्ड का सुपाड़ा खोला और अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं। सुरेश अपना
एक हाथ बढ़ा कर राधा भाभी की चूची मीसने लगा और राधा भाभी ने अपने दूसरे
हाथ से अपनी चूत की खुजली मिटाने लगी।
यह कार्यक्रम लगभग 2-3 मिनट ही चला होगा कि सुरेश का लण्ड पूरी तरह खड़ा
हो गया। उसका लण्ड करीब 7 इन्च का होगा और काफी मोटा दिख रहा था। जोकि अब
राधा भाभी के मुँह को चोद रहा था या कहें कि राधा भाभी ने सुरेश के लण्ड
को अपने मुंह में कैद कर रखा था और लगातार उसको चूसे जा रहीं थीं। सुरेश
के मुंह से आह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह की अवाजें निकल रही थी।
फिर सुरेश ने राधा भाभी से कहा- अब तुम मेरे ऊपर आ जाओ और मेरी तरफ अपनी
पीठ करो और मेरा लण्ड अपनी चूत में डालो।
राधा भाभी ने वैसा ही किया।
फिर सुरेश ने कहा- अब तुम मेरे दोनों पैर पकड़ कर लण्ड को अपनी चूत में
ऊपर नीचे करो जैसे तुम मुझे चोद रही हो।
राधा भाभी सुरेश के लण्ड पर उट्ठक-बैठक करने लगी और कभी कभी लण्ड पर बैठे
ही बैठे अपनी कमर कस कर हिलाती। इस पर सुरेश आह्ह्ह्ह आह्ह्ह करने लगता।
फिर अचानक राधा भाभी की स्पीड बढ़ गई और फिर मुझे लगा कि राधा भाभी या
सुरेश या फिर दोनों ही झड़ रहे है क्योंकि सुरेश की झाटों पर काफी फेना सा
इकट्ठा हो रहा था और राधा भाभी भी आह्ह्ह्ह ओह्ह्ह नोअअ कह रही थी। फिर
सुरेश ने राधा भाभी को अपने ऊपर से अलग किया लेकिन ये क्या, सुरेश का तो
लण्ड अभी भी खड़ा ही था। इसका मतलब राधा भाभी ही झड़ी थीं।
फिर सुरेश ने राधा भाभी से कहा- अब तुम कुतिया बन जाओ, मैं अभी झड़ा नहीं हूँ !
राधा भाभी ने कहा- सुरेश, प्लीज़ अब रहने दो ! मैं बहुत थक चुकी हूँ।
सुरेश बोला- यार. अभी तो मेरी शुरुआत है ! पहले तुम कुतिया बनो, फिर देखते हैं।
फिर राधा भाभी बोली- यार। वैसे तो तुम हफ्तों मुझे चोदते नहीं हो। और जब
चोदना शुरू करते हो तो मुझे अधमरा कर देते हो।
इस पर सुरेश हंसने लगा और राधा भाभी को खुद ही कुतिया की अवस्था में करने
लगा और राधा भाभी की एक टांग उठा कर बेड के सिरहाने लगा पटरे(हेड रेस्ट)
पर रख दिया। अब राधा भाभी की अवस्था वैसे ही थी जैसे कुत्ते अपनी टांग
उठा कर मूतते हैं।
फिर सुरेश राधा भाभी के पीछे गया और उसकी चूत को कुत्ते की तरह सूंघने
लगा, फिर अपनी जीभ निकाल कर राधा भाभी की चूत को चाटने लगा। चाटते चाटते
राधा भाभी की चूत से फिर पानी टपकने लगा। इसके बाद सुरेश अपने घुटने के
बल खड़ा हुआ और अपना हलब्बी लण्ड एक हाथ से पकड़ कर एक ही झटके में राधा
भाभी की चूत में घुसेड़ दिया और लगा चोदने।
सुरेश धक्के पे धक्के लगाये जा रहा था और हर धक्के पर राधा भाभी की चूत
से भच्च्की आवाज आती और उनके मुँह से ओह्ह्ह्ह येसनिकल जाता, साथ में
उनकी लटकी बड़ी-2 चूचियाँ हिलोरें लेने लगती।
सुरेश का धक्का, राधा भाभी का ओह्ह्ह्ह येस…, और उनकी चूचियों का हिलोरें
लेना यह सब बहुत ही ताल में चल रहा था। ये संगीतमय ऐक्शन करीब 10 मिनट तक
चले, फिर सुरेश एकदम से चिल्लाते हुए बोला- आई एम कमिंग डार्लिंग !
और अपना लण्ड राधा भाभी की चूत से बाहर निकाल लिया। राधा भाभी तुरन्त
मुड़ी और सुरेश का लण्ड अपने मुँह के हवाले कर लिया। फिर सुरेश राधा भाभी
के मुँह को चोदने लगा और फिर राधा भाभी के मुँह में ही झड़ने लगा। राधा
भाभी बड़े चाव से सारा का सारा वीर्य पी गई। और फिर बिस्तर पर ही दोनों
टांगें फैला कर पेट के बल लेट गई। फिर बगल में सुरेश भी लेट गया और अपना
एक हाथ राधा भाभी के चूतड़ों पर सहलाते हुए बोला- यार सुनो, तुम्हारी
गाण्ड तो रह ही गई।
इस पर राधा भाभी बोली- यार तुम तो हद कर देते हो ! अब चुपचाप सो जाओचोदू कहीं के।
सुरेश ने हंसते हुए जवाब दिया- चलो आज तुमको माफ किया, तुम भी याद रखोगी
कि किसी रईस चोदू से पाला पड़ा है।
फिर थोड़ी देर बाद सुरेश उठा और टीवी के उपर रखा कैमरा ऑफ किया और उसको
वार्डरोब में रख दिया। और फिर सारी बत्तियाँ बुझाई और फिर शायद नंगे ही
राधा भाभी के साथ सो गया होगा। क्योंकि अब कमरे में कुछ भी नहीं दिख रहा
था।
यह सब देखने के बाद तो मेरी हालत बिलकुल खराब हो गई थी मेरे पास कोई
दूसरा रास्ता नहीं था सिवाय मुट्ठ मारने के। मैं सीधे अपने वाशरूम गया और
अपनी एक दूर की अनदेखी चैट फ्रेन्ड को फैन्ट्साइज़ किया और मुट्ठ मार कर
सो गया।
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